( सुशीला रोहिला)
महात्माकीदेशभक्ति
भक्ति की शक्ति में छिपी है,शांति दूत की कर्म कहानी,
देशप्रेम में डूबा था डूबा हर हिन्दुस्तानी।
बापू गाँधी ले आए अंग्रेजों से आजादी,
२ अक्तूबर १८६९ को ही जन्मे थे बापू गाँधी।
स्वतंत्रता का नाद गूंजा नील गगन,
क्रांति का ताड़ण्व हर शहर नगर-नगर।
पखों में उड़ान भरने की है चाहत,
मुक्त कंठ से गीत स्वतंत्रता का गाने की चाहत।
तन पर न था हजामा,पहने एक लंगोटी और माला,
साउथ अफ्रीका से खड़ा एक महात्मा दीवाना।
आजादी की मशाल को जलाए,क्रांति का था दीवाना,
अध्यात्म की शक्ति से युक्ति शांति का भर लिया खजाना।
सत्य अहिंसा शांति के शस्त्र का लिया सहारा,
छक्के छूटे दुश्मन के अंग्रेज ठहर ना पाया।
१५ अगस्त १९४७ की लालिमा ने नव उदित रवि उगाया,
भारतमाता को मुक्त करवाकर उसने फर्ज अपनाा निभाया॥
🔵 सुशीलारोहिला, सोनीपत (हरियाणा)